ज़िन्दगी सब्र के अलावा कुछ भी नहीं खुशियों की शायरी, गिला शिकवा << दर्द तो वही देते हैं बहुत सारी उलझनों का जवाब ... >> ज़िन्दगी सब्र के अलावा कुछ भी नहीं,मैंने हर शख्स को यहाँ खुशियों का इंतज़ार करते देखा है! Share on: